२६०. ।। वृत्तम् ।।
आदित्यचन्द्रावनलोऽनिलश्च
द्यौर्भूमिरापो हृदयं यमश्च ।
अहश्च रात्रिश्च उभे च सन्ध्ये
धर्मश्च जानाति नरस्य वृत्तम् ॥
सूर्य , चंद्र , वायू , अग्नी , आकाश , पृथ्वी , जल , हृदय , यम , दिवस-रात्र , दोन्ही संधीकाळ आणि धर्म या सर्वांना मनुष्याची सगळी कर्मे माहिती असतात .
सूर्य , चंद्र , वायु , अग्नि , आकाश , पृथ्वी , जल , हृदय , यमराज , दिन-रात्रि , दोनों संधीकाल (प्रातः और सायंकाल की) और धर्म–ये सब मनुष्यों के सभी कर्मों को जानते हैं ।
The Sun , The Moon , The wind , The fire , The Space , The Earth , The Water , Heart , God of death , Dawn and Dusk ( sandhikalas) and dharma; they all know about the deeds of human beings .