आपदां कथितः पन्थाः इन्द्रियाणामसंयमः ।
तज्जय: संपदाम् मार्गः येनेष्टं तेन गम्यताम् ॥
इंद्रियांवर संयम नसणे हे आपत्तींचा मार्ग आहे आणि इंद्रियांवर विजय मिळवणे हा सुख-संपत्तीचा मार्ग आहे . ज्याला जो मार्ग योग्य वाटतो , त्याने त्या मार्गाने जावे .
इन्द्रियों पर संयम न होना आपत्तियों का मार्ग है और इन्द्रियों पर विजय पाना सुख सम्पत्ति का मार्ग है । आप को जो मार्ग इष्ट लगे उस मार्ग पर गमन करो।
Being under the sway of the senses or mind is an open invitation to problems , but mastering them is a sure pathway to success . It is up to you to take the path of your choice .