न भूतपूर्वं न कदापि वार्ता हेम्नः कुरङ्गो कदापि न दृष्टः ।

तथापि तृष्णा रघुनन्दनस्य विनाशकाले विपरीत बुद्धिः

या पूर्वी न कधी असं घडलं होतं न कधी कोणी याबद्दल ऐकलं होतं , न सुवर्णमृग कधी कोणी बघितला होता . तरीही श्रीरामचंद्र लोभाला बळी पडले . जेंव्हा माणसाचा विनाशकाल जवळ येतो तेंव्हा त्याची बुद्धी विपरित चालते , हेच खरं .

न तो ऐसा पहले कभी हुआ था और न किसी ने सुना था , और सोने का मृग न कभी किसी ने देखा था । परन्तु श्री रामचन्द्र जी ने लालच वश इसे सत्य मान लिया था । सचमुच जब विनाशकाल आता है तो मनुष्य की बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है ।

It never happened before or nobody had heard about it and nobody ever saw a golden deer. Yet, Shri Rama succumbed to the desire for golden deer . When destruction looms one’s reasoning capacity falters.