आयुषः क्षण एकोऽपि सर्वरत्नैर्न न लभ्यते।

नीयते स वृथा येन प्रमादः सुमहानहो ॥

भावार्थ : आयु का एक क्षण भी सारे रत्नों को देने से प्राप्त नहीं किया जा सकता है, अतः इसको व्यर्थ में नष्ट कर देना महान असावधानी है ।

A moment of age can not be obtained by giving all the gems. Therefore, it is a great mistake to waste it in vain libido-de.com.